Friday, February 25, 2011

Saturday, February 19, 2011

विकास देखा,संतोष जताया और चली गईं





मुख्यमंत्री ने बढते अपराधो पर नाराजगी जाहिर की

मुजफ्फरनगर। सीएम मायावती का दौरा आज आखिर निपट गया। सीएम ने जहां जिलाध्किारी संतोष कुमार यादव के कार्य पर संतोष जताया वहीं सीएम दलित व महिला उत्पीडन के बढते मामलों पर खपफा नजर आई लेकिन कुल मिलाकर सीएम यहां से संतुष्ट होकर रवाना हुई। दौरा निपट जाने के बाद पुलिस व प्रशासन के अध्किारियों ने भी राहत की सांस ली है।
मुख्यमंत्री उप्र सुश्री मायावती ने आज जनपद के सवा दो घंटों के भ्रमण के दौरान अम्बेडकर ग्राम गंगेरू से लेकर जनपद मुख्यालय मुजफ्फरनगर में थाने, अस्पताल, मलिन बस्ती, तहसील और मान्यवर कांशीराम आवास का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने जिलाधिकारी संतोष कुमार यादव को अम्बेडकर ग्राम गंगेरू में शेष बचे हुए विकास कार्यों को 20 मार्च तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री दोपहर 2.20 बजे अम्बेडकर ग्राम गंगेरू पहुंची और वहां उन्होंने सीसी रोड, शौचालय, स्कूल में मिड-डे मिल व पढ़ाई का स्तर को खुद जांचा-परखा। उन्होंने गंगेरू में सड़कों के निर्माण के कार्यों की गति को तेज करने को कहा और 20 मार्च तक हर हालत में सभी कार्य पूरा करने के निर्देश दिये।
गंगेरू के प्राइमरी और उच्च माध्यमिक स्कूल में प्रत्येक कक्ष में बच्चों से पढ़ाई की स्थिति और मिड-डे मिल की जानकारी ली, जो संतोषजनक पायी गयी। उस क्षेत्र की कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए उन्होंने कैराना क्षेत्र में महिलाओं और अनुसूचित जाति- जनजाति के अपराधों को अधिक पाकर क्षेत्राधिकारी को तीन माह का समय कानून व्यवस्था सुधारने के लिए दिया तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार को प्रत्येक माह इस क्षेत्र की रिपोर्ट उन्हें प्रेषित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को उस क्षेत्र के पेशेवर अपराधियों की धरपकड़ करने और अपराधों पर अकुंश लगाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने मुख्यालय पर सबसे पहले सिविल लाईन थाने में अपराध रजिस्टर, महिला उत्पीड़न रजिस्टर, अनुसूचित जाति-जनजाति से संबंधित रजिस्टर खुद देखे और उनके निस्तारण पर संतोष व्यक्त किया।
उसके पश्चात मुख्यमंत्री जिला अस्पताल पहुंची जहां उन्होंने महिला जनरल वार्ड, जच्चा-बच्चा वार्ड में मरीजों से मुलाकात की, उनसे दवाईयां मिलने व इलाज के संबंध में पूछताछ की। उन्होंने एक नवजात शिशु मोनू के साथ अपने फोटो भी खिचवाये। इसके पश्चात उन्होंने पुरुष अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड और प्राइवेट वार्ड, मेडिकल वार्ड का निरीक्षण किया व प्रमुख सचिव गृह को जनरल वार्ड देखने भेजा। उन्होंने अस्पताल में सफाई व्यवस्था और बेहतर व इसे निरन्तर बनाये रखने के निर्देश दिये। उसके पश्चात उन्होंने सदर तहसील पहुंचकर पट्टा रजिस्टर, थाना दिवस रजिस्टर, तहसील दिवस रजिस्टर आदि अभिलेखों का निरीक्षण किया। तहसील दिवस की शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता अपनाने को कहा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री मलिन बस्ती रैदासपुरी गई। जहां लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उसके पश्चात मुख्यमंत्री कांशीराम आवास गई जहां 600 परिवारों ने उनको इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उन्हें रहने के लिए छत मिली। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निदेश दिये है कि वे तहसील दिवस के दिन एक तहसील का पूरा निरीक्षण करेंगे और उस पर अपनी टिप्पणी अंकित करेंगे। जिला अस्पताल से जनपद के सभी अस्पतालों और बस्तियों में निरीक्षण कर वहां की सफाई और दवा लोगों को ठीक से मिले इसकी व्यवस्था स्वयं देखेंगे और यदि कहीं दिक्कत है तो उसके विरू( कार्यवाही के लिए शासन को लिखेंगे। उन्होंने कहा कि जनहित की योजनाओं को पूरी ईमानदारी से लागू करवायें। इसमें कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी।मुख्यमंत्री के निरीक्षण में प्रदेश के कैबिनेट सचिव शंषाक शेखर और प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेह बहादुर भी उपस्थित रहे।

Wednesday, February 16, 2011

खतौली में ट्रक-टैªक्टर भिडंत में दो मरे


खतौली । खतौली में आज एक हादसे में दो लोगों की मौत हो गई तथा एक की हालत नाजुक बनी हुई है हादसा सपफेदा मोड पर ट्रक और ट्रैक्टर ट्राले के टकरा जाने से हुआ दोनो वाहनो के बीच एक साईकिल सवार भी कुचला गया और एक मिस्त्राी भी चपेट में आकर घायल हो गया। घटना के बाद ट्रक के नीचे पफंसे घायलों को बाहर निकालने के लिए क्रेन बुलानी पडी। राहत कार्यो के दौरान एक मृतक के बहनोई को एक प्रशासनिक अध्किारी ने थप्पड मार दिया जिसके बाद गुस्साए लोगों ने वहां जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने बडी मुश्किल से प्रदर्शनकारियों को समझा बुझाकर शांत किया। बताया गया कि आज सवेरे खतौली में सपफेदा मोड पर चोकर से भरे दस टायरा ट्रक और ट्रैक्टर ट्राले के बीच जोरदार भिडंत हो गई। इस भिडंत के बाद दोनो वाहन पलट गए उध्र से गुजर रहा साईकिल सवार तिगाई निवासी मोहसीन पुत्रा समशेर खान और वहीं ट्रैक्टरों की मरम्मत करने वाला मिस्त्राी सलीम पुत्रा हाजी रशीद पलटे वाहन के नीचे दब गए जबकि ट्रैक्टर ट्राले का चालक भैंसी निवासी अनिल भी घायल होकर पफंस गया। हादसे के बाद वहां अपफरा तपफरी और चींख पुकार मच गई। आसपास के लोगों ने घायलों को बाहर निकालने का काम शुरू किया और पुलिस को मामले की सूचना दी। सूचना पर एसडीएम जे.एस मिश्रा, सीओ खतौली और कोतवाल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने नागरिकों के सहयोग से वाहनों के नीचे दबे घायलों को बाहर निकालने के प्रयास शुरू किए। मौके पर क्रेन को बुलाया गया। कापफी देर बाद घायलों को बाहर निकाला जा सकर तब तक अनिल और मोहसीन की मौत हो चुकी थी, जबकि गंभीर रूप से घायल सलीम को उपचार हेतु चिकित्सालय ले जाया गया जहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे रैपफर कर दिया गया। राहत कार्यो के दौरान एक मृतक के बहनोई को एक प्रशासनिक अध्किारी ने थप्पड मार दिया जिसके बाद गुस्साए लोगों ने वहां जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने बडी मुश्किल से प्रदर्शनकारियों को समझा बुझाकर शांत किया।

Tuesday, February 15, 2011

सिपाही के सीने पर तान दिया तमंचा


मुजफ्पफरनगर। गत दिवस हुए विवाद की रंजिश में कुछ युवकों ने महावीर चौक पर एक छात्रा की गोली मारकर हत्या करने का प्रयास किया। इसके विरोध् में छात्र के साथियों ने हमलावरों पर जमकर पथराव किया, जिससे अपफरा-तपफरी का माहौल बन गया। हमलावरों का दुस्साहस देखिए कि उन्होंने मौके पर पहुंचे एक सिपाही पर भी तमंचा तान दिया किन्तु सौभाग्य से गोली न चलने के कारण सिपाही की जान बाल-बाल बच गई। पुलिस ने नागरिकों की मदद से दो युवकों को गिरफ्रतार किया है, जिनके कब्जे से अवैध तमंचा व भारी संख्या में कारतूस बरामद किए गए हैं। नई मंडी कोतवाली क्षेत्रा के गांव कूकड़ा निवासी एक युवक महावीर चौक स्थित एक इंस्टीट्यूट में पढ़ता है। गत दिवस उसका वहीं पढ़ने वाले एक अन्य युवक से किसी बात पर विवाद हो गया था। विवाद के दौरान दोनों में मारपीट भी हुई थी। उक्त युवक ने घर जाकर इसकी जानकारी अपने भाई को दी। आज उसका भाई अपने साथियों के साथ तमंचों से लैस होकर इंस्टीट्यूट पर पहुंचा और भाई से झगड़ा करने वाले छात्रा पर तमंचा तानकर उसे पीटना शुरू कर दिया। दूसरे छात्रों ने हमलावरों पर पथराव कर दिया, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। चौराहे पर तैनात पुलिस के जवान और चीता मोबाईल मौके की ओर दौड़ पड़ी, तो हमलावर मौके से भाग निकले। पीछा करने पर हमलावरों ने एक सिपाही के सीने पर तमंचा तान दिया। सौभाग्य से गोली नही चली, जिससे सिपाही की जान बच गई। पुलिसकर्मियों ने नागरिकों की मदद से दो हमलावरों को पकड़ लिया। उनके कब्जे से एक तमंचा और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस के अनुसार एक आरोपी कूकड़ा निवासी अंकुर और दूसरा सिखेड़ा के बहादरपुर का रहने वाला है।

Sunday, February 13, 2011

वकील ने युवती को हवस का शिकार बनाया


मुजफ्फरनगर। एक वकील पर किशोरी के साथ दुराचार करने का सनसनी खेज आरोप लगाया गया है, आरोप है कि वकील अपने परिचित की पुत्री को बीमार पत्नी की देखभाल के बहाने अपने घर ले गया और रिश्तों को कलंकित करते हुए किशोरी के साथ दुराचार किया। पीडत किशोरी की शिकायत पर महिला थाने में आरोपी वकील के खिलाफ दुराचार का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। पीडित युवती का मैडिकल भी कराया गया है।
एसएसपी को दिए शिकायती पत्रा में मल्हुपुरा निवासी महिला ने बताया कि मौहल्ला अग्रसैन विहार निवासी एडवोकेट राजीव शर्मा का पारिवारिक मेलजोल उसके परिवार के साथ रहा है। महिला का आरोप है कि 11 पफरवरी को राजीव उसके घर आया और कहा कि उसकी पत्नी का ऑप्रेशन हुआ है, घर में खोई खाना बनाने वाला नही है जिसके चलते उसे होटल में खाना खाना पड रहा है उसने अपनी पत्नी की देखभाल और भोजन बनाने के लिए रिपोर्टकर्ता की 15 वर्षीया पुत्राी को अपने घर ले जाने की बात कही।
पूर्व के अच्छे सम्बंधें के चलते रिपोर्टकर्ता ने अपनी पुत्री को उक्त वकील के साथ उसके घर भेज दिया। महिला का आरोप है कि गत दिवस उक्त वकील उसकी पुत्री को वापस उसके घर छोडने आया और उसे कहा कि वह अपनी पत्नी का इलाज कराने मेरठ जा रहा है इसलिये वह उसकी पुत्री को वापस छोडने आया है। महिला के अनुसार उसकी पुत्री डरी सहमी थी, जब उसने अपनी पुत्री से पूछा तो उसने बताया कि जब वह राजीव अंकल के घर पहुंची तो वहां आंटी नही थी, जब उसने आंटी के विषय में पूछा तो उसे बताया गया कि वह आ जाएगी।
किशोरी के अनुसार राजीव ने रात को उसे दबोच कर उसके साथ दुराचार किया विरोध् पर उसके साथ मारपीट की गई और उस पर पिस्तौल तानकर उसें जान से मारने की ध्मकी दी गई। पीडित महिला दुराचार की शिकार अपनी पुत्री को लेकर एसएसपी के समक्ष पेश हुई और इंसापफ की गुहार लगाई। एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला थाना पुलिस को पीडित किशोरी का मैडिकल कराकर रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए, जिस पर पुलिस ने पीडित किशोरी का मैडिकल कराकर आरोपी वकील को हिरासत में ले लिया।

वेलेंटाइन-डे को तैयार यंगिस्तान


मुजफ्फनगर। पहले दोस्ती फिर प्यार तब होती है आपस में तकरार.. कुछ इसी ढंग से शुरू होने वाले रिश्तों की याद दिलाता है वेलेंटाइन-डे। 14 फरवरी आज मनाए जाने वाले इस दिन का युवा दिलों में खास महत्व है। बाजार में तोहफों की भरमार है। इनमें भी दिलनुमा उपहारों व तोहफों को अधिक तव्वजों दी जाती है। गिफ्ट गैलरी संचालक भी इस मौके को भुनाने मे कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते इसलिए दिल के आकार व रंग में वाले उपहारों को करीने से सजाया जा रहा है।
आकर्षक उपहार
हार्ट शेप फोटो मग- अपने प्रिय की बेहतरी वाले स्लोगन लिख व फोटो लगाकर उपहार में।
हार्ट ग्रीटिंग कार्ड- दिल की बात एहसास से जताने के लिए।
हार्ट एक्सेसरीज- लवर्स को देने के लिए।
- हॅाट टीशर्ट- लवर्स के लिए दिल छपी टी-शर्ट।
हार्ट एफएम - संगीत के साथ विभिन्न शेप में उपलब्ध दिल।
हार्ट शेप नोटबुक - इजहार करने के लिए अनोखे डिजाइन में उपलब्ध।
हार्ट शेप चॉकलेट- सिंगल व डबल तीर में उपलब्ध।
हार्ट म्यूजिक फोटोफ्रेम - इजहार के साथ याद दिलाने लिए।
हार्ट शेप शोपीस- पेंटिंग व फ्लॅावर पाट। वैशाली स्थित गिफ्ट गैलरी की संचालक मोनिका का कहना है कि वेलेंटाइन-डे के लिए विशेष उपहार उपलब्ध हैं। ये सभी उपहार पचास रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक में उपलब्ध हैं। बाजारों में फूलों वालों की दुकानों पर भी युवाओं को फूल खरीदते हुए देखा जा सकता है।
एमएमएस व इंटरनेट ने भी इसमे बढ-चढकर हिस्सा लिया है। अब गये वह पुराने दिन जब युवाओं को एक-दूसरे से मिलना पडता था और डर लगा रहता था कि कहीं पकडे न जाये। लेकिन अब एसएमएस से मैसेज भेजकर अपने दिल की बात कह सकते है और इंटरनेट द्वारा लाइव अपने प्यार का इजहार कर सकते है।

Saturday, February 12, 2011

कानून व्यवस्था पर तर्क कम-कुतर्क ज्यादा

कानून व्यवस्था सीधे सामान्य जनता से जुड़ी है। वही इसकी कसौटी है। उसके रोजमर्रा के काम में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती और असामाजिक तत्वों का कोई भय नहीं रहता तो समझिये कानून-व्यवस्था अपना काम ठीक ढंग से कर रही है लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो उस पर सवाल उठने लाजिमी हैं। एक चोर यह कहकर नहीं बच सकता कि दूसरे भी लोग चोरी कर रहे हैं। हां व्यवस्था की यह जिम्मेदारी जरूर बनती है कि उन दूसरे लोगों को भी गिरफ्त में ले लेकिन मौजूदा राजनीति में तर्क और कुतर्क का सहारा लेकर कमजोरियों पर पर्दा डाला जाता है। अभी 10 फरवरी को खबर मिली कि मध्य प्रदेश में एक कारोबारी की इसलिए हत्या कर दी गयी क्योंकि उसने एक दबंग की बात नहीं मानी थी। हमले का शिकार हुआ एक कारोबारी था और हमले का आरोपित भाजपा परिवार का कार्यकर्ता। कारोबारी ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार भी की थी लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार ने ध्यान नहीं दिया। इसतरह की घटनाएं कई प्रदेशांे मंे हो रही हैं जिनमें कुछ सामने आ जाती हैं तो कुछ नहीं आ पातीं। इस संदर्भ में देखें तो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक पश्चिम बंगाल और बिहार में एक से बढ़कर एक घटनाएं नजर आती हैं। मध्य प्रदेश मंे संघ परिवार पर कट्टरता का आरोप लग रहा है। राजस्थान के अजमेर शरीफ में विस्फोट, समझौता एक्सप्रेस में बम धमाका और महाराष्ट्र के मालेगांव में विस्फोट मंे संघ परिवार पर आरोप लगे हैं तो पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ वाममोर्चे पर जहां अपने कैडर को हथियार देकर लोगोें को डराने-धमकाने की बात सामने आयी, वहीं विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस पर माओवादियों को संरक्षण देने का आरोप मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने लगाया है। बिहार में तो एक शिक्षिका ने विधायक पर दुराचार का आरोप लगाया लेकिन उसकी जद(यू) भाजपा सरकार ने नहीं सुनी और नतीजा यह हुआ कि शिक्षिका रूपम पाठक ने उक्त विधायक के आवास पर जाकर उनकी छुरा घोंपकर हत्या कर दी। ये सभी कानून-व्यवस्था की बदहाली की कहानी ही कहते हैं। उत्तर प्रदेश में भी बांदा जनपद के नरैनी क्षेत्र के विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी पर एक दलित बालिका शीलू से दुराचार करने का आरोप है। विधायक और उनके बेटे ने तो पुलिस से मिली भगत कर पीड़ित बालिका को ही जेल भिजवा दिया था लेकिन कांग्रेस विधायक और मीडिया की सक्रियता ने सरकार को सख्त कदम उठाने के लिये मजबूर कर दिया। इसके बाद तो कई मामले अखबारों की सुर्खियां बने और विधानसभा के बजट सत्र में अन्य चर्चाओं से कहीं ज्यादा प्रदेश मंे दुराचार की बढ़ती घटनाओं पर शोर मचाया गया।इसी का जवाब देते हुए गत 9 फरवरी को उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था अन्य राज्यों से बेहतर है। उन्होंने कानून-व्यवस्था में और सुधार के लिये तथा विकास दर में बढ़ोत्तरी के लिये विपक्षी दलों से सहयोग की मांग की। उत्तर प्रदेश विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री लालजी वर्मा प्रदेश की कानून-व्यवस्था से जुड़े सवालों का जवाब देने से हिचक रहे थे। हो सकता है कि वे इस मामले में मुख्यमत्री सुश्री मायावती से कुछ गाइड लाइन लेना चाहते हों लेकिन सदन की कार्यवाही में मंत्रियों को हर सवाल का जवाब देने के लिये तैयार रहना चाहिए। विपक्षी दलों ने इसीलिए कानून-व्यवस्था को लेकर किये गये सवालों को संदर्भ समिति के हवाले कर दिया। यह मामला लम्बा ंिखंच सकता था, इसलिए सुश्री मायावती ने स्वयं इस पर स्पष्टीकरण दिया और कहा कि हमने तो दोषी सांसदों और विधायकों को भी जेल भेजा है लेकिन आरोप लगाने वाले विपक्षी दल अपने गिरेबान में भी झांककर देखें कि उनकी पार्टी की जहां सरकार है, वहां पर कानून-व्यवस्था किस तरह से काम कर रही है।मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के इस तर्क पर भाजपा को चुप हो जाना चाहिए क्योंकि मध्य प्रदेश में उसकी सरकार है और सुशील शिडौल नामक संघ परिवार का कार्यकर्ता, जिस पर कारोबारी की हत्या का आरोप लगा है, खुलेआम धमकी देता था कि मंत्री, विधायक उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। एक व्यक्ति अपनी हत्या की आशंका जताते हुए सरकार से सुरक्षा मांगता है और उसे सुरक्षा नहीं मिलती। दो दिन बाद ही उसकी हत्या कर दी जाती है जो यह साबित करती है कि मध्य प्रदेश की कानून-व्यवस्था तो सचमुच उत्तर प्रदेश से भी बदतर है। इसी तरह कांग्रेस के पास भी इस सवाल का कोई जवाब नहीं होगा कि दिल्ली में उसकी पार्टी की लगातार तीसरी सरकार बनी है लेकिन दुराचार और हत्या के मामले में दिल्ली सबसे आगे है। क्या यह कहकर बचा जा सकता है कि दिल्ली बहुत बड़ी है और थोड़े-बहुत अपराध होना वहां सामान्य बात है? नहीं, ये सभी कुतर्क हैं। बात गांव की हो अथवा बड़े शहर की, सभी जगह कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिये जनता की गाढ़ी कमाई से वेतन देकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की फौज तैनात रहती है। इसके बाद भी जनता को सुरक्षा क्यों नहीं मिल पाती। राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी इसलिए बढ जाती है कि वे जनप्रतिनिधि कहे जाते हैं। विधायक से लेकर सांसद तक को अच्छा-खासा वेतन-भत्ता और अन्य सुविधाएं मिलती हैं। वे कानून-व्यवस्था को लागू कराने की जगह उसे तोड़ने वालों के ही मददगार साबित हो रहे हैं। नयी दिल्ली में एक रिटायर्ड नौकरशाह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की सुनवाई करते समय सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जी एस सिंघवी और जस्टिस बीएस चौहान ने ठीक ही कहा कि यदि हम गोमुख से ही गंगा मंे जहर मिलाना शुरू कर दें तो हुगली में अमृत की अपेक्षा कैसे की जा सकती

Wednesday, February 9, 2011

गनीमत है बीमारी के साथ हो रहा इलाज

इसे शुभ लक्षण ही कहेंगे कि देश में भ्रष्टाचार, गुंडा-गर्दी और अधिकारियों की लापरवाही के साथ ही उनका इलाज भी हो रहा है। बात चाहे स्पेक्ट्रम घोटाले के मुख्य आरोपित ए. राजा की हो अथवा उत्तर प्रदेश में लापरवाह अधिकारियों को मुख्यमंत्री सुश्री मायावती द्वारा निलिम्बत किये जाने की, इतना तो पता चलता है कि हमारे नियामक सो नहीं रहे हैं। गठबंधन और कुर्सी बचाने की राजनीति के बीच भी इस प्रकार के कदम उठाये जा रहे हैं तो एक न एक दिन इसके अच्छे परिणाम जनता को दिखाई देने लगेंगे। हालांकि यह अभी शुरुआत भर है और चुनौतियां धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। पहले तो कई मामले यूं ही दबे रहते थे लेकिन अब मीडिया भी इनको तलाशता रहता है। इसे राजनीतिक साजिश न बनाया जाए बल्कि राजनेताओं से लेकर मीडिया तक और जनता को शामिल करते हुए यह मुहिम यंू ही चलती रहनी चाहिए। अभी 30 जनवरी को देश भर में प्रबुद्धजनों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ शांति मार्च किया था। इसी के बाद 2-जी स्पेक्ट्रम मामले के मुख्य आरोपित ए. राजा और उनके दो अफसरों के घरों पर छापे मारे गये और 2 फरवरी को इन तीनों को गिरफ्तार भी कर लिया गया। यह उन पहुंच वाले भ्रष्टाचारियों को चेतावनी है क्योंकि अभी तक की लम्बी फेहरिश्त राजनेताओं की ही है। इनमें किसी पर जमीन घोटाले तो किसी पर आय से अधिक सम्पत्ति के मामले हैं। इसी प्रकार तमाम अधिकारी भी आरोपों को छिपा नहीं पा रहे हैं। पूर्व मुख्य सचिव स्तर तक के अधिकारियों को जेल की हवा खिलाई जा चुकी है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने पिछले महीने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाकर उन्हें योजनाओं के ईमानदारी से कार्यान्वयन का निर्देश दिया था। पिछले दो-तीन महीने से उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसी वारदातें हुई हैं जिनसे बसपा सरकार और मुख्यमंत्री सुश्री मायावती की छवि भी धूमिल हुई है। विपक्षी दलों की राजनीतिप्रेरित आलोचना को किनारे कर दिया जाए, तो भी बांदा के शीलू दुराचार कांड और कानपुर में छात्रा दिव्या हत्याकांड में पुलिस और प्रशासन की भूमिका को शर्मनाक पाया गया। इसी प्रकार की स्थिति राजधानी लखनऊ से सटे एक कस्बे चिनहट में आरती नामक युवती से दुराचार के बाद हुई हत्या में सामने आयी। इस मामले में तो पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने अपने पेशे को भी कलंकित कर दिया था। दबाव पड़ने पर आरती नामक युवती की लाश कब्र से निकालकर दुबारा पोस्टमार्टम कराया गया, तब जाकर सच्चाई सामने आयी। बांदा के विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी और कानपुर की छात्रा दिव्या की हत्या के आरोपित भी पकड़े गये।इसी क्रम में प्रदेश के अधिकारियों की भूमिका की जांच करने इन दिनों मुख्यमंत्री सुश्री मायावती निकली हुईं हैं। उन्होंने दो फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश मुरादाबाद और आगरा मण्डलों के जिलों का दौरा कर वहां के विकास कार्य देखे। इससे पूर्व गोरखपुर से उन्होंने विकास कार्यों की समीक्षा का काम शुरू किया था। अधिकारियों में अब उतना अनुशासन नहीं रह गया, यह बात सुश्री मायावती की समझ में आ गयी है। हालांकि इसे राजनीतिक विडम्बना ही कहा जाएगा कि अर्से से मुख्यमंत्री जनता दरबार लगाते चले आ रहे हैं और उसमें विभिन्न जनपदों के लोग शिकायतें करने आते हैं। इसी से जाहिर होता है कि जिलास्तर पर उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका। ऐसे में जिले के उन अधिकारियों को सजा मिलनी चाहिए। दो फरवरी को मुख्यमंत्री ने आगरा और मुरादाबाद मंडल के विकास कार्यों का जायजा लिया। पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत ने कम से कम किसानों को इतना सक्षम तो बना ही दिया कि वे योजनाओं का पूरा लाभ उठाते हैं। अधिकारियों पर लगाम कसने के साथ ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भी सख्ती करने की जरूरत है। इधर, कई मामलों में बसपा से जुड़े लोगों की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। बांदा के दुराचार मामले में मुख्य आरोपी इसी पार्टी के विधायक थे। अभी ताजा मामला चित्रकूट का सामने आया है। यहां पर बसपा के जिला प्रभारी और उनके पुत्र पर एक आदिवासी का घर फूंकने का आरोप लगाया गया है। यह घटना लगभग एक सप्ताह पूर्व की बतायी जा रही है लेकिन मामला चर्चा में तब आया जब उत्तेजित आदिवासियों ने हरदी कला थाने पर पहुंचकर जमकर प्रदर्शन व नारेबाजी की। गंणतंत्र दिवस के दिन हुई इस घटना ने पुलिस की निष्क्रियता को उजागर किया और यह भी संकेत दिया कि पुलिस अभी राजनीतिक दबाव से उबर नहीं पायी है। बसपा के जिला प्रभारी हीरा लाल और उसके पुत्र अजय उर्फ मुन्ना को इतना दुस्साहस दिखाने का मौका न मिलता यदि पुलिस-प्रशासन ने हस्तक्षेप कर मामले को सुलटा दिया होता। मामला छोटा था। आदिवासी मुन्ना कोल के घर के पास बसपा के जिला प्रभारी पुआल जला रहे थे, जिसका मुन्ना ने विरोध किया था। इस तरह एक बात साफ है कि भ्रष्टाचार, गंुडा गर्दी के खिलाफ मुहिम तो चल रही है लेकिन अराजक तत्त्वों पर अंकुश नहीं है। इसका कारण यही कि ये अराजक तत्त्व राजनीति और अफसरशाही का लबादा पहने हुए हैं। गाजियाबाद में एक बीडियो, किसान के पिता का नाम ठीक कराने के लिए सवा लाख रुपये मांगता है और डाक्टर किसी लालच में अथवा लापरवाही से पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही गलत दे देते हैं तो अभी इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना शेष है। संतोष की बात यही कि नेतृत्त्व इस पर जागरूक है। श्रीमती सोनिया गांधी केंद्र में सक्रिय है तो सुश्री मायावती अपने राज्य में। यही प्रक्रिया सभी मुख्यमंत्रियों को अपनानी पड़ेगी।

Tuesday, February 8, 2011

अभी हाल ही मैं खतौली के चर्चित नेता राजवीर सिंह की प्रोपर्टी सीज करने की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की गई है जिस कारन नए धन कुबेरों मैं हडकंप की मचा हुआ है अब देखने की बात ये है की क्या प्रशासन की नज़र राजवीर सिंह जैसे बाकि नव धन कुबेरों पर पड़ती है या नहीं जो अवैध धन्दो के बल पर कुछ ही दिनों मैं रोड पति से करोडपति बन gaye है

Saturday, February 5, 2011

अनुज कुमार शर्मा
संपादक
दैनिक mudgal Times